पुलिस की पिटाई से किसान की मौत, एसएसपी ने दरोगा समेत सात पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
Farmer Murder by Beating
भमोरा। Farmer Murder by Beating: किसान संतोष शर्मा की मृत्यु की बात पुलिस सात घंटे दबाए रही। यह तब था जब परिजन सुबह दस बजे से ही संतोष की मृत्यु की बात पुष्टि कर रहे थे लेकिन पुलिस यह बात मानने को तैयार नहीं थी। उसके वेंटिलेटर पर होने एवं हालत गंभीर होने की बात कही जा रही थी। पुलिस के दबाव में ही अस्पताल प्रबंधन सूचना को दबाए रहा।
पूरे घटनाक्रम में शामिल पुलिसकर्मियों के निलंबन और प्राथमिकी के बाद शाम पांच बजे संतोष की मृत्यु की पुष्टि की गई। यह सारी कार्रवाई परिजनों के आक्रोश को रोकने के लिए थी, लेकिन जब भमोरा पुलिस नारायण अस्पताल पहुंची तो परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। जमकर हंगामा हुआ और पुलिसकर्मियों से नोकझोंक भी हुई। इस बीच खुद पर चौतरफा शिकंजा कसता देख निलंबित पुलिसकर्मी चौकी में ताला डालकर फरार हो गए।
यह है पूरा मामला
पूरे घटनाक्रम में शुक्रवार सुबह से ही हलचल मची थी। पुलिस ने बताया कि बुधवार की रात भमोरा थाने की सरदारनगर पुलिस चौकी की टीम जुआ पकड़ने आलमपुर जाफराबाद गांव गई थी, जिसमें एक व्यक्ति संतोष घायल हो गया। संतोष को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस बीच संतोष के भाई कृष्ण कुमार शर्मा ने पुलिस का यह तर्क खारिज कर दिया। बाकायदा, एंबुलेंस चालक विजय, दारोगा टिंकू कुमार, नैपाल सिंह, सिपाही दीपक, पुष्पेंद्र राणा, मनोज व अंकित पर हत्या का आरोप लगाया, जिसके बाद अफसर बैकफुट पर आए और आनन-फानन में पूरे घटनाक्रम में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर दी।
पीड़ित के घर पहुंचे एसपी देहात
घटना से आक्रोश में गांव में कोई असहज स्थिति ना उत्पन्न हो, इसके लिए एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्र खुद पीड़ित के घर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले में हरसंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया। माहौल को देखते हुए गांव में एहतियात के तौर पर फोर्स भी तैनात कर दी गई।
अस्पताल पर हो गया हंगामा
इधर, भमोरा थाना प्रभारी परमेश्वरी फोर्स संग नारायण अस्पताल पहुंची तो हंगामा खड़ा हो गया, नोकझोंक हुई। स्थिति बिगड़ती देख शहर के तीनों थाने की फोर्स व तीनों सर्किल के सीओ अस्पताल भेजे गए। जैसे-तैसे स्वजन शांत हुए। पूरे घटनाक्रम में थाना प्रभारी की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।
पैनल व वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम
मामले में संतोष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सबसे अहम है, जिसके चलते पैनल व वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम की तैयारी हुई। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम हाउस पर कोई विवाद की स्थिति ना बने, इसके लिए कोतवाली व आस-पास के थानों की फोर्स तैनात कर दी गई।
दिवाली की तैयारियों में जुटा था परिवार
घटना से पूर्व हर परिवार की तरह संतोष के घरवाले भी दिवाली की तैयारियों में जुटे थे लेकिन शुक्रवार को उनकी मौत की जानकारी से सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई। घर में मातम का माहौल हो गया। चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग भी एकत्र हो गए। सभी पुलिसकर्मियों को कोस रहे थे।
10 बीघे जमीन पर खेती कर परिवार पालते थे संतोष
लक्ष्मण प्रसाद के चार बेटे संतोष शर्मा, कल्लू शर्मा, कन्हैया लाल शर्मा व राकेश शर्मा है। लक्ष्मण प्रसाद के नाम 40 बीघा जमीन थी। उनकी मृत्यु के बाद चारों भाइयों को हिस्से में 10-10 बीघा जमीन मिली। 10 बीघा जमीन में ही रात दिन मेहनत कर संतोष अपने बच्चों का पालन पोषण करते थे।
संतोष की वृद्ध मां कमला देवी ने कहा कि बेटा बहुत मेहनती था। बच्चों का बहुत ख्याल रखता था। अब घर में उसकी पत्नी सुमन, बड़ा बेटा सूरज, छोटा बेटा राहुल है। बेटी किरण की शादी हो चुकी है।
पूरे मामले में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। शिकायती पत्र के आधार पर एंबुलेंस चालक, पुलिसकर्मियों व अज्ञात पर हत्या की प्राथमिकी लिख ली गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।
-मुकेश चंद्र मिश्र, एसपी देहात।
चर्चा- वसूली कर जुआरियों को छोड़ा
पूरे घटनाक्रम के बाद से गांव में एक और चर्चा है। गांव के लोगों के मुताबिक, पुलिस ने जुआरियों से लाखों रुपये की वसूली कर उन्हें छोड़ दिया। इसी के बाद किसान संतोष को भी जुआरी बताकर रुपयों की मांग करने लगे। उन्होंने जब खुद को किसान बताया तो पुलिस को यह बात नागवार गुजरी और उनका दुस्साहस बढ़ गया। नतीजा संतोष की मृत्यु हो गई। इस पूरे मामले से लखनऊ तक सनसनी फैल गई। पूरे मामले में अफसरों से रिपोर्ट भी तलब की गई है।
यह पढ़ें:
कानपुर: DAV कॉलेज के बाहर ABVP के छात्रों और पुलिस में झड़प, सड़क पर गिरे ACP, सपा बोली- गुंडई चरम पर
नाबालिग लड़के ने 5वीं क्लास की छात्रा को दिया love letter और चॉकलेट, फिर हुआ ये
वाहन की टक्कर से खेरेश्वर हाईवे किनारे पलटा ट्रैक्टर, दो युवकों की मौत